वो अंधेरों की तनहाईयाँ मिटाते जगमग जगमग तारे.....
वो सन्नाटो की आवाज़ सुनाते जगमग जगमग तारे....
वो अंजान सड़कों पर हर पल डराते..जगमग जगमग तारे...
वो बेवजह, बेपनाह टिम टिमाते...जगमग जगमग तारे...
कभी सोचा करता हूँ कितना सुरीला है उनका जहाँ...
रात की वीरानियों मे ...एक नयी दुनिया बासाता.
हर चाँदनी रात मे ..कभी घनघोर रात के लिबास मे...
अपनी एक अलग ही कहानी सुनता ...
हर पल वही गीत गुनगुनता.....शर्मिला है उनका जहाँ..
याद आता है कोई इन तारों मे...
जैसे बसा हो कोई चेहरा इन तारों मे...
जिसे अगर दूर से भी कभी देखूं मैं...
तो करीब लगे..जैसे बसा हो अंदर दिल मे....
जैसे सबसे ज़्यादा अपना लगे...इन तारों मे...
दूरियाँ रहती आई हैं...
हमेशा कहीं ना कहीं आगे भी रहेंगी...
रूलाती रहेंगी...
पास ना होने की कसक जगाती रहेंगी...
आँखों मे आँसू लाकर...
उन्हे फिर सुखाती रहेंगी......
तुम इस दिल के सबसे करीब हो...
हर पल बस यही जताती रहेंगी...
मगर तब भी तुम्हे देख सकूँगा मैं..
तुम्हे महसूस कर सकूँगा मैं...
तुम्हे खुद से जुड़ा हुआ...खुद मे मिला हुआ...
खुद मे सना हुआ...दिल मे बसा हुआ...
देख सकूँगा मैं....
इन तारों मे....
वो सन्नाटो की आवाज़ सुनाते जगमग जगमग तारे....
वो अंजान सड़कों पर हर पल डराते..जगमग जगमग तारे...
वो बेवजह, बेपनाह टिम टिमाते...जगमग जगमग तारे...
कभी सोचा करता हूँ कितना सुरीला है उनका जहाँ...
रात की वीरानियों मे ...एक नयी दुनिया बासाता.
हर चाँदनी रात मे ..कभी घनघोर रात के लिबास मे...
अपनी एक अलग ही कहानी सुनता ...
हर पल वही गीत गुनगुनता.....शर्मिला है उनका जहाँ..
याद आता है कोई इन तारों मे...
जैसे बसा हो कोई चेहरा इन तारों मे...
जिसे अगर दूर से भी कभी देखूं मैं...
तो करीब लगे..जैसे बसा हो अंदर दिल मे....
जैसे सबसे ज़्यादा अपना लगे...इन तारों मे...
दूरियाँ रहती आई हैं...
हमेशा कहीं ना कहीं आगे भी रहेंगी...
रूलाती रहेंगी...
पास ना होने की कसक जगाती रहेंगी...
आँखों मे आँसू लाकर...
उन्हे फिर सुखाती रहेंगी......
तुम इस दिल के सबसे करीब हो...
हर पल बस यही जताती रहेंगी...
मगर तब भी तुम्हे देख सकूँगा मैं..
तुम्हे महसूस कर सकूँगा मैं...
तुम्हे खुद से जुड़ा हुआ...खुद मे मिला हुआ...
खुद मे सना हुआ...दिल मे बसा हुआ...
देख सकूँगा मैं....
इन तारों मे....
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